Sunday, 15 March 2015

तू जिन्दगी

कुछ शोर ..कुछ ख़ामोशी
कुछ खनक ...कुछ उदासी
कुछ चंचल ...कुछ मितभाषी
ऐसी ही तो है ये
' जिंदगी '

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