अलकनंदा
Friday 28 June 2013
बचपन
कितने बौने थे !
'आप ' और 'तुम ' के
संबोधन
उसके 'तू ' कहने भर से ही
गिर पड़े
'बचपन' फिर जीत गया
..
Thursday 27 June 2013
कब लिखी !!
कब लिखी तुमने
कोई कविता
जब करुणा में द्रवित थे तुम
या थे तुम प्रेम में
या थी मैं विप्रलब्धा
और वियोगी से तुम
न मुझे याद है
ना ही तुम्हें
क्या दोनों प्रेम में थे
मैं तुमसे पूछती हूँ ' प्रेम '
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