Sunday 15 March 2015

शब्द कितने कृपण तुम्हारे
जो इतनी देर से मुखर हुए .....

वो फुलवारी

  • वो छोटी फुलवारी
    टेढ़े -मेढे
    पर करीने से लगे
    चूने से रंगे
    पत्थरों की किनारियों से मढ़ी
    तितलियों का पिकनिक स्पॉट
    बन बैठी थी
    कुछ चितकबरे से पहरेदार
    भी अक्सर गुनगुनाते मंडराते
    तीन कमरे के
    उस आशियाने के
    दाहिनी ओर की फुलवारी
    गोल-गोल थी
    पिता के हाथों से
    दुलारी-संवारी गयी
    बिलकुल बेटियों की भांति
    एक छोटी लड़की
    जब भी बैठती
    लाल कैना के पास
    कैना अक्सर उससे
    ऊँचा हो जाता
    कई दिनों के सोच-विचार के बाद
    तय किया लड़की ने कि अब
    कैना के सामने बस खड़ी रहेगी
    देखें मुझसे अब कैसे बड़ा दिखेगा
    सालों बाद कैना अभी भी
    वैसे गर्वीला
    गर्दन उठाये है दिखता
    पुरानी लड़की ने भी
    कैना के मुकाबले
    अब लाल गुड़हल से कर ली है
    मित्रता
    छोटी रेखा के सामने बड़ी रेखा
    खींचनी आ गयी है उसे
    थोड़ी समझदार हो गयी है शायद .........
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  • Ashwini Kumar Vishnu अद्भुत ! करीने से संवारी फुलवारी की तरह प्यार-दुलार देकर पाली-पोसी गई बेटी में पंखुरियां खोलते स्वाभिमान और आत्मविश्वास को मुखरित करती बहुत सुन्दर कविता ! रूपक की भांति केंद्र में कैना की अप्स्थिति ने रचना को विशिष्ट बना दिया है !
  • Pratibha Bisht Adhikari धन्यवाद , अश्विनी जी ....
  • Maya Mrig एक छोटी लड़की
    जब भी बैठती
    लाल कैना के पास
    ...See More
  • Pratibha Bisht Adhikari धन्यवाद , माया जी :))
  • Pratibha Bisht Adhikari सभी मित्रों का धन्यवाद ....

गर्मी और बरात

चम्पूजी की बारात है ...एयरकंडीशंड बारातघर ,होटल , रिजोर्ट हैं |
चम्पू को घोड़े से जाना था ....अब कैसे जाय ...गर्म गद्द्दी , ऊपर छत्र और फिर बचपन और गले पड़े दोस्तों की पूरी जमात ; सब चम्पू को घेर के खड़े हैं और फिर सेहरा ,मुकुट , मालाएं ....चम्पू पसीने -पसीने ! टोनर सारा धुल गया ...डियो उड़ गया ..उसपर दोस्त हैं कि उसे नचाने पर तुले हैं ..
'' चम्पू ! नाच ले आज , कल से भाभी नचायेगी तुझे '', हम्म गोया भाभी ना हुई 'फराह खान ' हो गयी
हाय ! घर से माँ , ताई , चाची , बहनों और भाभी के हाथों सजा चम्पू अब पूरा 'जोकर ' दिख रहा है |
' लाडो /दुल्हन ' एक अलग कूल कमरे में है ..सहेलियों से घिरी ..मेकअप रीटच होता रहा है .....
' बन्नो की आयेगी बारात .....'
हे भगवान ! गर्मी की बारात और हम बाराती ....
नाह ! अपुन सीधे रिजोर्ट पहुंचेगा ...तुम ही नाचो मित्रों :))
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अमलतास