- Pratibha Bisht Adhikari wrote a new note: जाहिल छोकरियाँ.ये छोकरियाँ
विवाह की बात छिड़ते ही
कर देती हैं बगावतें
भाई से मुकाबला करने लगी हैं
चुन ही लेती हैं
अपनी राह
बना ही लेती हैं कैरियर
भाई को
मौका देती हैं
घर-गृहस्थी के कार्यों में निपुण होने का
ये निरीह सी दिखने वाली पत्नियाँ
आजकल
चाय और खाना बनाने के
सारे गुर सिखा डालती हैं पति को
स्टोल से ढकी -छुपी ये कन्याएं
सरेराह छेड़खानी करने पर
जला डालती हैं किसी छोकरे की बाइक
पकड लेती हैं किसी सिरफिरे का कॉलर
अपने साथ कोई ऐसी-वैसी हरकत होने पर भी
नहीं छुपाती घुटनों में मुँह
ना ही ढकती हैं अपना वजूद
सामान्य प्रतीत होती हैं किसी पार्टी में
शान से शरीक होती हैं किसी कोंसर्ट में
क्योंकि ये अपराध उन्होंने नहीं
किसी और ने क्या है उनके साथ
सिन्दूर भरकर भी माँग में
ये घरेलू सी दिखने वाली औरतें
संसद में मचा देती हैं बवाल
गोली खाकर भी तालिबानों की
फिर देने लगती हैं उपदेश अपनी बिरादरी को
अंतरिक्ष से जली हड्डियों के रूप में गिरकर भी
नहीं त्याग पाती फिर से अंतरिक्ष का मोह
पर - घर जाकर भी अपने
बायलोजिकल माता-पिता का रखती हैं ध्यान
'नया खून है नयी उमर है '
इस पंक्ति को करती हैं सार्थक
:) नए ज़माने की छोकरियों को ... सॉरी ! कन्याओं को सलाम !
[ फोटो -अमृता शेरगिल ]
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- Pratibha Bisht Adhikari :)) गीत मैंने भी सुना है ...
थैंक्स ! निशा ... - Pratibha Bisht Adhikari Thanks ! all ..
- शशि काण्डपाल काश सब छोकरियाँ जाहिल हो जाये.....
Pratibha Bisht Adhikari काश ! ऐसा होता ...
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