अनजान विचारक की
व्याख्यान की टोकरी से
स्थिति को भांपकर
ईमानदारी ,नीयत और
सकारात्मक चिंतन का
डाला है अचार ,बरनी में
मिला दिए हैं
भरोसे और मुस्कराहट के
मसाले
एक सफेद कपड़े में
काढ़ने हैं ठहाके
बस बंद कर देना है
बरनी को उससे
अनोखा अचार
तैयार हो
एक नयी सोच देगा
मुश्किल पलों में
खुश रहने के लिए
व्याख्यान की टोकरी से
स्थिति को भांपकर
ईमानदारी ,नीयत और
सकारात्मक चिंतन का
डाला है अचार ,बरनी में
मिला दिए हैं
भरोसे और मुस्कराहट के
मसाले
एक सफेद कपड़े में
काढ़ने हैं ठहाके
बस बंद कर देना है
बरनी को उससे
अनोखा अचार
तैयार हो
एक नयी सोच देगा
मुश्किल पलों में
खुश रहने के लिए
wahhhhhh ji badhiya aachar hai ye to...
ReplyDeleteविचारों का नया बिम्ब - घरेलू कार्यों-चीजों का - एक महिला कवयित्री की सफलता दर्शाता हैं... बहौत सुंदर मनोभावों को व्यक्त किया... शुभकामनाएं - पंकज त्रिवेदी
ReplyDeleteबहुत अच्छा ब्लॉग है, सजावट भी, और कवितायेँ भी......बधाई.....
ReplyDeleteधन्यवाद , मित्रों .....:)
ReplyDeleteबहुत सुंदर ........
ReplyDeleteBahut sunder
ReplyDeleteधन्यवाद , मित्रों ....
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