Saturday, 26 January 2013

मेरे भाव

ना हवनकुंड
ना समिधा
ना ही कर्मकांडों के
विद्वान सा है मन
फिर भी
यूँ ही भाव
आहुति बन
अर्पण हुए जाते हैं ......

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