Thursday, 7 March 2013

बस भी करो

रसोई में लकडियों पर
 प्यार पकाती स्त्री 
खेतों में काम करती स्त्री
पैरों पर बिवाईयां पड़ी स्त्री 
खुरदुरे हाथों वाली 
मशक्कत से दो समय का 
भोजन जुटाती स्त्री 
मजबूरन तन का 
सौदा करती स्त्री 
जून की धूप में ईंटों को 
अपने सिर पर उठाती स्त्री
आ जाओ 
सब स्त्रियों 
 अब बस  भी करो 
आज के दिन 
' महिला-दिवस '
मनाओ  
और फिर अगले साल 
आओ ! 
 

2 comments:

  1. बहुत सुंदर और सही बात .....

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  2. और फिर अगले साल
    आओ !
    Waaaah!!!!!!!!!

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