कैसे कहूँ मैं
हैप्पी वीमेंस- डे !
मेरे कहनेभर से
नहीं कम होंगे
तुम्हारे लिए
अनगिनत
काम के घंटे
नहीं दूर होगी
तुम्हारी उदासी
नहीं खुल जायेंगी
तुम्हारी हथकडियां
क्या मिट जाएंगे
तुम्हारे आगे खींचे गए
सदियों पुराने रीति से जोड़
तुमको कैद में रखने के लिए
रिवाजों की जेलें
कोई एक दिन
मुक़र्रर मत कर स्त्री !
अपने लिए
हर एक क्षण
हर एक दिवस
हर महीने
तमाम सालों के लिए
बटोर
स्वयं अपने द्वारा अर्जित
की गयी मीठी दुनिया
सुन ले कभी
अपने लिए भी
अपने दिल की
और
खुश रह ..........
बहुत खूब सखी .......सच कहा ........:)
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर
ReplyDeleteधन्यवाद ! अरुणा जी , रमा जी .........
ReplyDeleteKhoobsoorat.... behad..khoobsoorat abhivyakti. :)
ReplyDeleteधन्यवाद ! सूर्यदीप जी ...
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