एक आँसू अभी भी है
कहीं छुपा हुआ सा बरौनियों के बीच
गिरने देना नहीं चाहती आँख उसे
यादों में बसाए जाने के लिए
अत्यधिक मिठास के साथ एक नीम की पत्ती की
कड़ुवाहट भी आवश्यक हो जैसे
सारी उम्र के लिए मिठास को सहेजे जाने के लिए
उलझनें बेचैनियां जरुरी हैं
एकरसता जीवन की हटाने के लिए
एक सैलाब का आना आवश्यक हो जैसे
धडकनों की परीक्षा के लिए......
कहीं छुपा हुआ सा बरौनियों के बीच
गिरने देना नहीं चाहती आँख उसे
यादों में बसाए जाने के लिए
अत्यधिक मिठास के साथ एक नीम की पत्ती की
कड़ुवाहट भी आवश्यक हो जैसे
सारी उम्र के लिए मिठास को सहेजे जाने के लिए
उलझनें बेचैनियां जरुरी हैं
एकरसता जीवन की हटाने के लिए
एक सैलाब का आना आवश्यक हो जैसे
धडकनों की परीक्षा के लिए......
बहुत अच्छा लगा आज आपकी इस उम्दा संकलन की बगिया का अवलोकन कर.... बधाई हो प्रतिभा आपके इस प्रयास के लिए...
ReplyDeleteधन्यवाद ! दिलीप दा ......
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