' पगली ! मुझे 'लाटा ' कहती हो तुम ..सच तो यह है कि तुम भी 'गूंगी ' थी , अपनी बड़े नेत्रों से समय को जाते हुए देखती रही .....चलो एक बात तो अच्छी है ; इतने लंबे अंतराल के बाद अभी भी हम दोनों की याददाश्त ठीक है ;
क्यों !! .... है ना :)
क्यों !! .... है ना :)
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