अलकनंदा
Friday, 30 December 2011
हाइकु
गौर वर्ण तू
यज्ञोपवीत पीत
स्वर्ण से वस्त्र
*
कुंचित केश
उज्जवल ललाट
मंद मुस्कान
*
नायक बने
'शिवानी' के तुम यूँ
मत इतराओ
*
धीर - गंभीर
स्मित मुस्कान तेरी
राम सा रूप
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