अलकनंदा
Monday, 7 April 2014
प्रेम
माँ,
बहन ,
बेटी ,
सखी
और
पत्नी के रूप में
सहज ही मिल जाता रहा है तुम्हें
'प्रेम '
इसलिए तुम्हारा जिद्दी होना तय था
हे ! महापुरुष
और क्या कहू !!
Friday, 4 April 2014
नमक और जिंदगी
नमक के खेतों में पाए गए
कई पैरों से रिसते घाव
गलने तक मुरझाई त्वचा
तुम
अब भी कहते हो तुम्हारी
जिन्दगी की थाली में
नमक बहुत कम है
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