Sunday, 28 October 2012

 गवाक्ष से झाँक आया है
एक ख़याल
अधिक नीला आसमां 
हरे - भूरे गलीचों की दुनिया 
तब से 
पीले पत्तों और जर्द दुनिया 
के एक केनवास पर 
धानी रंग में कूची डुबो 
नमूने बनाता रहा 
अचानक एक 
बादल  संतरी 
बन चल निकला 
साथ-साथ 
गर्जन कर बरसने लगा 
बह गए धानी रंग 
पीत सा ठगा 
 रह गया ख़याल